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About Us |
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देशभक्ति का जज्ब़ा जगाने की मुहिम
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देश के स्वाधीनता संग्राम के दस्तावेजीकरण और आज़ादी के संघर्ष के आदर्शों,बलिदानों, प्रेरक विचारों को समाज में पहुंचाने के लिये समर्पित स्वराज संस्थान संचालनालय देश में अपनी तरह का पहला ही संचालनालय है और स्वाधीनता संग्राम में आदिवासियों की भागीदारी,जनजातीय चेतना और संघर्ष को शिद्दत के साथ रेखांकित करने का सम्भवत: पहला और अकेला प्रयास मध्य प्रदेश में ही किया गया है।
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स्वाधीनता से लेकर स्वराज तक के बहुविध प्रश्नों पर केंद्रित उच्च स्तरीय गतिविधियों के केंद्र के रूप में 1 मई,1998 से स्थापित स्वराज संस्थान संचालनालय अपने उद्देश्यों की पूर्ति की दिशा में निरंतर सक्रिय रहते हुए स्वाधीनता संघर्ष और जनजातीय चेतना पर केंद्रित नाट्य समारोह आदि विद्रोही नाट्य समारोह, जनयोद्धा नाट्य समारोह, बच्चों को अमर शहीदों-महापुरुषों की गाथा से परिचित कराने के लिये आज़ाद बांसुरी बाल नाट्य समारोह, भारत की आज़ादी के जश्न पर स्वाधीनता पर्व, भारतीय गणतंत्र दिवस पर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर लोकतंत्र के लोक उत्सव के रूप में भारत पर्व , शहीद दिवस पर पीर पराई जाणे रे..... भक्ति संध्या, भारतीय शिल्पकाल के प्रोत्साहन के लिये मूर्ति कला शिविर,युवा पीढ़ी का ज्ञात-अज्ञात शहीदों के सम्बंध जानकारी देने एवं प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से चित्रांकन कार्यशाला के आयोजन कला रसिकों को मौलिक सृजन से जोड़ने में कामयाब रहे हैं। वहीं धर्मनिरपेक्षता,लोकतंत्र,जंगे आज़ादी और साहित्य जैसे अनेक गंभीर विषयों पर बातचीत एवं चर्चाओं के लिये संगोष्टी के आयोजन शोधार्थियों, विद्यार्थियों, इतिहासकारों और विद्वानों के लिये उपयोगी एवं सार्थक रहे हैं। जरा याद करो कुर्बानी, आदि संग्राम, वीरांगना, खूब लड़ी मर्दानी, आज़ाद कथा,1857 स्वातंत्र्य समर प्रदर्शनी के माध्यम स्वतंत्रता के अमर नायकों-वीरांगनों, महापुरूषों, कलम की लड़ाई से स्वतंत्रता की अलख जलाने वाले लेखकों को परिचित कराने का विनम्र प्रयास भी काबिले गौर है।
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स्वाधीनता संग्राम के बहुविध पहलुओं पर शोध एवं अभिलेखीकरण की दृष्टि से स्वाधीनता फैलोशिप,1857 मुक्ति संग्राम को लेकर मध्य प्रदेश के सभी जिलों का विशद कार्य के लिये जिला स्तरीय फैलोशिप,भारतीय स्वाधीनता संग्राम से लेकर साहित्य,संस्कृति,लोक साहित्य, संगीत आदि सभी क्षेत्रों में मध्य प्रदेश के मुख्य रूप से रचनाकारों, स्वतंत्रता सेनानियों के अप्रतिम योगदान की अक्षय निधि को लोकव्यापी और अमिट छवि प्रदान करने के लिये पुस्तक प्रकाशन की योजना अक्षय निधि एवं स्वराज पुस्तक मालांतर्गत प्राचीन भारतीय संस्कृति, आज़ादी के संघर्ष एवं महापुरूषों के बारे में परिचयात्मक आकलन के साथ उनकी रचनाओं को लोकप्रिय संस्करण के रूप में 80 से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन किया जाकर आम नागरिकों के लिये यथा सम्भव उप्लब्ध कराना मध्य प्रदेश के लिये प्रशंसनीय है।
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भारत के स्वाधीनता संग्राम से लेकर स्वराज के बहुविध आयामों में आदिवासी-जनजातियों का योगदान अत्यंत उल्लेख्ननीय है। ईस्ट इंडिया कम्पनी के भारत में दखल और सत्ता पर नियंत्रण के जमाने सन 1757 से लेकर देश के आज़ाद होने और स्वधीन भारत में स्वराज की स्थापना की ओर अग्रसर होने के हर कदम पर आदिवासी जन समुदाय पूरे उत्साह समर्पण और सक्रियता के साथ उपस्थित है। लेकिन आदिवासी जन समुदायों के इस महत्ती योगदान की सर्वथा उपेक्षा हुई इसलिये स्वराज संस्थान द्वारा विशेष रूचि लेकर आदिवासी क्षेत्र सम्बंधी तथ्यों के संग्रहण, आदिवासी नायकों गुंडाधुर, टंट्या भील, तिलका मांझी,बिरसा मुंडा, वीरसा गौंड सहित अनेक महापुरुषों की स्मृति में आदिवासी अंचलों में विविध समारोह, सेमिनार, सम्मेल्लन, व्याख्यान, फिल्मों का निर्माण तथा स्वाधीनता संग्राम में योगदान को लेकर चित्रांकन कार्यशाला के माध्यम से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आदिवासी गौंड चित्रकारों-कलाकारों को जोड़कर लोक कला को समर्थन-प्रोत्साहन दिया गया है।
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संस्कृत, हिंदी, उर्दू, बुंदेली, अवधी, भोजपुरी, मालवी, निमाड़ी, बघेली, गोंडी, भीली, बंगला, मराठी आदि भाषा और बोलियों के लगभग 1780 से 1947 तक की अवधि के प्रचलित हुए आज़ादी के तरानों को संकलित-संगीतबद्ध कर वतन का राग रेडियो कार्यक्रम अंतर्गत 550 से अधिक एपिसोड्स, आज़ादी के रणबांकुरों की क्रांतिकथा के जाने-पहचाने और अनजाने पन्ने, अनुसूचित जाति और जनजाति सहित सभी अमर बलिदानियों की प्रेरक कथाओं पर केंद्रित रेडियो कार्यक्रम हिंदोस्ता हमारा एवं विवेकानंद पर केंद्रित रेडियो कार्यक्रम युग प्रवर्तक का आकाशवााणी मध्य प्रदेश के साथ ही दिल्ली, मुंबई, लखनऊ केंद्रों से प्रसारण ने लाखों श्रोताओं को जोड़ा है।
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आज़ादी के चुनिंदा दुर्लभ यादगार तरानों का ऑडियो एलबम जन गरजै, ज्ञात-अज्ञात रणबंकुरों को समर्पित जननायक एवं स्वामी विवेकानंद के जीवन, विचार एवं दर्शन पर एकाग्र ऑडियो एलबम युग प्रवर्तक के माध्यम से देशभक्ति का संदेश जन-जन तक पहुंचाया गया।
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भारतीय स्वाधीनता संग्राम के सर्वाधिक प्रखर हस्ताक्षर अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद जन्म शती वर्ष समारोह, आज़ाद संदेश यात्रा, क्रांति यात्रा, इतिहास के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण घटनाक्रम 1857 मुक्ति संग्राम के पक्ष को समाज के सामने लाने की दृष्टि मुक्ति संग्राम के 150 वर्ष समारोह, राजाभोज राज्यारोहण के 1000 वर्ष समारोह, प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी पं. उध्दवदास मेहता जन्म शताब्दी समारोह, राष्ट्र अभ्युदय और स्वाभिमान के प्रतीक अद्वितीय विद्वान स्वामी विवेकानंद के जन्म के 150 वर्ष अंतर्गत प्रदेश की जनता को जोड़ने, सांप्रदायिक सद्भाव जागृत करने के उद्देश्य से लोकव्यापी एवं जनआधारित आयोजनों, नुक्कड़ नाटकों का प्रदर्शन, चित्र प्रदर्शनी, संगोष्ठी, पुस्तकों का प्रकाशन किया गया ताकि उनके बारे में समाज के लोग जान सकें और प्रेरणा पा सकें।
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स्वाधीनता संग्राम के आदर्श, राष्ट्रभक्ति और समाजसेवा के लिये अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद राष्ट्रीय सम्मान, सामाजिक सद्भाव और समरसता के लिये महाराजा अग्रसेन राष्ट्रीय सम्मान, शिक्षा के क्षेत्र में महर्षि वेदव्यास राष्ट्रीय सम्मान एवं देश की सुरक्षा, कर्तव्य हेतु बलिदान, अदम्स साहस, वीरता, नारी उत्थान के लिये महिलाओं के लिये वींरागना लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय सम्मान अंतर्गत 2.00-2.00 लाख राशि की स्थापना।
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Our Team
Name |
Designation |
Mr. Sanjay Yadav |
Assistant Director |
Mr. Santosh Kumar Verma |
Deputy Director |
Mr. Madhusudan Garve |
Accountant |
Mr. Rajesh Kohli |
Assistant Librarian |
Mr. Pradeep Agrawal |
Program Assistant |
Mr. Nalin Shankar Mishra |
Assistant - Grade-3 |
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